Wednesday 22 January 2014

मौला

मौला मेरे तेरे दर पे आया  हु
अर्जीया सारे जहा की लाया हु ।

अंधियारा हो राहा है 
क्यू लहू से ये धना है 
मेहेर कि अब्तो नजर तू फेर ना 
रौशनी तेरे करम की भेज ना ।

इन्सा इन्सा को ना जाने 
बेकसुरोन्को ये मारे 
प्यार का मजहब है तेरा 
बतला ना, समझा ना 

ऐसी दुनिया कर दे रोशन 
फुले धरती झुमे अंबर 
राह चलते हो कभी 
अब रात ना, तू सून ना ।

छोटे बच्चे की हसी मे  
तू हसे सारे जहा में 
कोई आन्गन कोई गुलशन 
सुखे ना, अब रोए ना 

आसू पल्को मे  है ठहरे 
लफझ होटो  मे  ही सिस्के 
भुली राहे तुही हम को 
सवार ना, सून पुकार ना ।

मौला मेरे तेरे दर पे आया  हु
अर्जीया सारे जहा कि लाया हु 

                             - अतिंद्र सरवडीकर 

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