संगीत माने समंदर, संगीत माने नैय्या,
धूप जलती राहोंकी, गीत माने छैय्या!
संगीत हँसता बिलखता सा. नन्हे मासूम होंठों सा,
संगीत यादोमे दबासा, दादी माँ की झुर्रियों सा,
संगीत सुबहाका पहला सूरज, संगीत नदीका ठंडा पानी,
धूप नहाये बैठा परबत, कभी आँखोंका खारा पानी,
कोई गाये ख्याल धृपद, भजन कही है शेर,
सुध बुध बिसरी जिन सूर तोरी, वही तेरा है चैन
एक गीत मै दूँ, एक सुर तुम लगाना,
तेरी मेरी राहगरी का बुन जाएगा तानाबाना
कच्चे पक्के धागे होंगे, कच्चा पक्का मेल,
सब सम पे आ जाएंगे, छूट जाएगा खेल...
- डॉ अतिंद्र सरवडीकर
धूप जलती राहोंकी, गीत माने छैय्या!
संगीत हँसता बिलखता सा. नन्हे मासूम होंठों सा,
संगीत यादोमे दबासा, दादी माँ की झुर्रियों सा,
संगीत सुबहाका पहला सूरज, संगीत नदीका ठंडा पानी,
धूप नहाये बैठा परबत, कभी आँखोंका खारा पानी,
कोई गाये ख्याल धृपद, भजन कही है शेर,
सुध बुध बिसरी जिन सूर तोरी, वही तेरा है चैन
एक गीत मै दूँ, एक सुर तुम लगाना,
तेरी मेरी राहगरी का बुन जाएगा तानाबाना
कच्चे पक्के धागे होंगे, कच्चा पक्का मेल,
सब सम पे आ जाएंगे, छूट जाएगा खेल...
- डॉ अतिंद्र सरवडीकर
YouTube Link: https://youtu.be/9jAcHH8JNqY