जय जय वंदे मातरम,
गीत नही है, मंत्र है जिसपर
हुए निछावर जनम
जय जय वंदे मातरम्
कावेरी से गोदावरी तक
तुंगासे गंगा सिंधू तक
हिमाचल से विंध्याचल तक
बहे गीत ये अमर...
हिमनंदिनी से कन्याकुमरी
रामकृष्ण शंकर की धरती
महावीर और गौतम नानक
समाये खुदमे सबन...
गीत एक है, एक है ज्योती
विश्व सराहे भूमी अनुठी
है मन प्रीती, दे जग शांती
है ये सत्य वचन...
जय जय वंदे मातरम्
- डॉ अतिंद्र सरवडीकर
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